प्रशांत भूषण SC में बोले- मी लॉर्ड तुरंत करें सुनवाई, CJI चंद्रचूड़ के निर्देश पर 15 मार्च की तिथि तय मगर…

नई दिल्‍ली. चुनाव आयोग में दो चुनाव आयुक्‍त के पद रिक्‍त थे. चुनाव आयुक्‍तों के लिए बनाई गई कमेटी ने इन दोनों रिक्‍त पदों को भर दिया है. कमेटी ने ज्ञानेश कुमार और सुखबिंदर सिंह संधू के नाम पर अपनी मुहर लगा दी है. चुनाव आयुक्‍त के चयन के लिए कमेटी बनाने को लेकर कानून बनाया गया है. चयन समिति से भारत के प्रधान न्‍यायाधीश (CJI) को हटा दिया गया है. मौजूदा कानून के तहत प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता वाली चयन समिति में पीएम के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता या सदन में सबसे बड़ी पार्टी के नेता और एक नामित केंद्रीय मंत्री के बतौर सदस्‍य होने का प्रावधान किया गया है. एक गैरसरकारी संस्‍था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्‍स (ADR) ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. शीर्ष अदालत में शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई होगी.

ADR की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता प्रशांत भूषण ने पहले 12 मार्च को जस्टिस संजीव खन्ना की कोर्ट में मामले को मेंशन किया. कोर्ट ने उन्हें कुछ तकनीकी ज़रूरतें पूरी करते हुए अगले दिन फिर मेंशन करने को कहा. अगले दिन यानी 13 मार्च 2024 को फिर उन्होंने इस मामले पर त्‍वरित सुनवाई करने का अनुरोध किया था. शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका को स्‍वीकार करते हुए मामले को 15 मार्च के लिए लिस्‍ट किया था. CJI डीवाई चंद्रचूड़ के खास संदेश के बाद मामले की सुनवाई के लिए तिथि तय की गई. हालांकि, इससे पहले ही इसी कानून के आधार पर दो चुनाव आयुक्‍तों की नियुक्ति पर कमेटी ने मुहर लगा दी.

प्रशांत भूषण ने दी दलील…सुप्रीम कोर्ट ने स्‍वीकार कर ली याचिका, CJI चंद्रचूड़ ने भेजा था खास संदेश

सुप्रीम कोर्ट का 2023 का आदेश
दरअसल, चुनाव आयुक्‍तों की नियुक्ति को लेकर साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट का एक महत्‍वपूर्ण फैसला आया था. अनूप बर्णवाल बनाम भारत संघ मामले में शीर्ष अदालत की संविधान पीठ ने 2 मार्च 2023 को दिए अपने निर्णय में कहा था, ‘मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त और दो अन्‍य चुनाव आयुक्‍तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता या सदन में सबसे बड़ी पार्टी के नेता और CJI की कमेटी की सलाह पर राष्‍ट्रपति द्वारा की जाएगी.’ इसके बाद चीफ इलेक्‍शन कमिश्‍नर एंड अदर इलेक्‍शन कमिश्‍नर (एप्‍वाइंटमेंट, कंडीशंस ऑफ सर्विस एंड टर्म ऑफ ऑफिस) एक्‍ट-2023 लाया गया. इस कानून के तहत सीजेआई का नाम समिति से हटा दिया. उनकी जगह पर नामित कैबिनेट मंत्री को जगह देने की व्‍यवस्‍था कर दी गई. एडीआर की याचिका में सीजेआई को फिर से कमेटी में लाने की मांग की गई है.

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क्‍या है मामला?
उच्चतम न्यायालय बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए बनी समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश को शामिल नहीं किए जाने को चुनौती देने वाली एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स-ADR की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण की दलीलों पर गौर किया और शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

Tags: Election Commission of India, Supreme court of india

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Author: Baaghi News

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